भारतीय ज्‍योतिष के इस परम्‍परागत प्रयोग पर मैं निरंतर कार्यरत हूं आशा है आप भी इससे लाभ प्राप्‍त करेंगे

Thursday, March 27, 2008

लालच बुरी बला

कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो लालच वश बड़े-बड़े रत्न या उपरत्न अनेकों प्रकार के एक साथ धारणकर लेते हैं इस मानसिकता के साथ कि जितना ज्यादा बड़ा रत्न होगा उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा। जितने ज्यादा ग्रहों के रत्न धारण करूंगा उतने ग्रहों की ताकत अधिक होगी और अधिक लाभ होगा। इस प्रकार की मानसिकता से धारण किये गये रत्नों का अनुभव भी ठीक नहीं पाया गया। कोई भी रत्न आवश्यकता से अधिक वजन का धारण करने से लाभ के बदले नुकसान हो सकता है, ऐसे अनेकों लोगों की रूद्राक्ष से जांच की गयी और उन्हें उचित वजन के रत्न धारण तथा आवश्यकतानुसार रत्न धारण का परामर्श से लाभान्वित होते देखा गया।

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