Thursday, May 5, 2011
ढग तांत्रिकों से सावधान
दिनांक 9.2.2010 फरवरी रात को 12 बजे करीब कोई काली छाया मेरे ऊपर पड़ी, जो मुझे काले रंग की दिखाई दी, वह काली छाया कुछ दिन मुझे रात में डराते रहा। एक दिन मुझे पता चला कि वो मेरे साथ संभोग भी करने लगा, सुबह कमर दुखती थी और कमजोरी लगती थी। इस इलाज के लिए पद्मनाभपुर वाले पंडित के पास गई, उनको 5000/-रू दिये परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ, इसके बाद नरेन्द्र जी अग्रवाल के पास आई इनके इलाज से मेरा शरीर हल्का हो गया, भूख लगने लगी। यह इलाज 17 दिन चला, उसमें 50 प्रतिषत फायदा लगा। दिनांक 12.6.2010 को पूर्ण हुआ और अब मैं पूर्णतः स्वस्थ्य हो गई हूं। अग्रवालजी की मैं बहुत आभारी हूं। उन्होंने मेरा पूरा इलाज निःषुल्क किया, मेरी स्थिति को देखते हुये एक रूपये भी नहीं लिये। मै ईष्वर से उनके लिए यह दुआं करती हूं कि जिस तरह मेरा जीवन खुषियों से भर गया है, उनका जीवन भी हमेषा सदा बहार रहे। दि.14.6.2010
श्रीमती रचना गुमास्ता,
दुर्ग
श्रीमती रचना गुमास्ता,
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