Saturday, May 7, 2011
17 वर्षां की संघर्ष के पश्चात् शासकीय नौकरी मिलने में सफलता
मैं मध्यम परिवार से जुड़ी हूं। बचपन से जिवन संघर्षमय रहा है। पिछले 17 वर्षा से लगातार हर विभाग में नौकरी के लिए पूर्ण योग्यता,अनुभव एवं तैयारी के साथ सम्मिलित हुई किन्तु हर जगहों पर निराषा ही हाथ लगी। इस बीच कितने ही पंडितों, ग्रहों के जानने वाले लागों से भी मिली, किन्तु नौकरी नहीं मिली।
नरेन्द्रजी अग्रवाल के पास रूद्राक्ष जांच करवाया। जांच के दौरान उन्होंने मुझे केवल 4 लाईन की चौपाई का मंत्र जाप करने की सलाह दी एवं मुझे एक अंगुठी भी दी थी, मंत्र जाप एवं अंगुठी धारण करने के पश्चात् 04माह के भीतर ही मुझे शासकीय नौकरी मिल गयी। मेरी 17 वर्षाें की तपस्या सफल हुई, इससे बढ़कर मैंने ईष्वर से कुछ नहीं मांगा था।
नरेन्द्रजी ने मेरी निःषुल्क रूद्राक्ष जांच एवं अंगुठी भी निःषुल्क उपलब्ध करायी।जिन्हेशारीरिक,मानसिक,आर्थिक,पारिवारिक, नौकरी एवं अन्य किसी प्रकार की भी समस्या हो तों वे अवस्य की रूद्राक्ष जांच करावें एवं सफलता प्राप्त करें।
मैं परम पिता परमेष्वर से यही निवेदन करती हूं कि वे हमारे जैसे तकलीफ, कष्टों में रहने वाले लोगों के शुभचिंतक बने रहे एवं वे हमेषा स्वस्थ्य,मस्त तन्दुरस्त रहें, आनन्दित रहें। ईष्वर में उनकी प्रीति बढ़े, भक्ति बढे़। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ!
भूली-भटकी शुभ चिंतक
कु.व्ही.बी.बोरेकर
दुर्ग छत्तीसगढ़
दिनांक 02.05.2011,सोमवार
चैत्र कृष्ण पक्ष दषमी/अमावस्या ति
नरेन्द्रजी अग्रवाल के पास रूद्राक्ष जांच करवाया। जांच के दौरान उन्होंने मुझे केवल 4 लाईन की चौपाई का मंत्र जाप करने की सलाह दी एवं मुझे एक अंगुठी भी दी थी, मंत्र जाप एवं अंगुठी धारण करने के पश्चात् 04माह के भीतर ही मुझे शासकीय नौकरी मिल गयी। मेरी 17 वर्षाें की तपस्या सफल हुई, इससे बढ़कर मैंने ईष्वर से कुछ नहीं मांगा था।
नरेन्द्रजी ने मेरी निःषुल्क रूद्राक्ष जांच एवं अंगुठी भी निःषुल्क उपलब्ध करायी।जिन्हेशारीरिक,मानसिक,आर्थिक,पारिवारिक, नौकरी एवं अन्य किसी प्रकार की भी समस्या हो तों वे अवस्य की रूद्राक्ष जांच करावें एवं सफलता प्राप्त करें।
मैं परम पिता परमेष्वर से यही निवेदन करती हूं कि वे हमारे जैसे तकलीफ, कष्टों में रहने वाले लोगों के शुभचिंतक बने रहे एवं वे हमेषा स्वस्थ्य,मस्त तन्दुरस्त रहें, आनन्दित रहें। ईष्वर में उनकी प्रीति बढ़े, भक्ति बढे़। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ!
भूली-भटकी शुभ चिंतक
कु.व्ही.बी.बोरेकर
दुर्ग छत्तीसगढ़
दिनांक 02.05.2011,सोमवार
चैत्र कृष्ण पक्ष दषमी/अमावस्या ति
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1 comment:
I wаnt tο get it done beсause I wοn't have the opportunity to do it if not!
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