दिनांक ८.८.०९ को रूद्राक्ष द्वारा जांच कराने करीब १२:३० बजे आया था। जांच के समय मैं टायगर स्टोन धारण करीब ९ वर्ष पूर्व से किया था। मुझे वात दर्द की तकलीफ थी के लिये डेढ़ वर्ष से डाक्टरी दवा एवं अन्य पद्धति से भी ईलाज करा चुका था। परंतु मुझे अपेक्षित लाभ नहीं मिला। उक्त तकलीफ के लिये मैं डेढ़ वर्ष से दवा भी खा रहा था। जांच उपरान्त टायगर स्टोन रिंग उतारने को गया था तथा गोमेद धारण करने के लिये अंगुठी बनायी गयी, जिसे इसी दिन शाम ६:५० मिनट पर धारण करना था। जब शाम को धारण करने आया तब तक मुझे मेरे शरीर की तकलीफ में आंशिक आराम लगा। धारण गोमेद के उपरान्त १-२ दिन में ही मुझे तकलीफ मेंइससे मुझे विश्वास हो गया कि कोई भी रत्न उचित परामर्श के अभाव में धारण नहीं करना चाहिए। इससे मैं यह कहता हूं कि मेरे साथ जो हुआ वि आश्चर्य ही नहीं वरन सत्य है।
दिनांक १९.सतीशचंद सुराना
गंजपारा दुर्ग
सेकेट्री सुराना पब्लिक स्कूल दुर्ग
फोन ०७८८ २२१००१६
२३२०७१६
Monday, September 28, 2009
ग्रहों से उत्पन्न बिमारी रत्नों से ठीक होती है
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