मैं विजय विश्वकर्मा शंकरनगर निवासी पेशे से फर्निचर ठेकेदार हूं।मैं अग्रवालजी के पास आने के पहले कई ज्योतिष के पास जाकर पांच प्रकार के बहुमूल्य रत्न पहना था, फिर भी मुझे किसी प्रकार की राहत नहीं हुई, बल्कि मुझे मानसिक राहत नहीं हुई बल्कि मुझे मानसिक परेशानी व कार्यों में बाधाऐं आने लगी।मैं आदरणीय अग्रवालजी से सम्पर्क किया, अग्रवालजी ने हमारे पहने हुए किमती रत्नों की जांच की व उससे पड़ने वाले प्रभावों को हमारे शरीर से जोड़ कर देखा तो सभी रत्न नकारात्मक प्रभाव दे रहे थे, अग्रवालजी के निर्देशानुसार मैंने सभी रत्न उतार दिया व उनके द्वारा रूद्राक्ष से चेक कर मुझे एक ख्रत्न फिरोजा पहनाया आज फिरोजा पहने मुझे तीन महीने हो गया है, मेरा व्यापार कि स्थिति बहुत अच्छी हो गई है व मेरा बात-बात में टेन्सन,गुस्सा भी जाता रहा। मुझे आदरणीय अग्रवालजी से सम्पर्क होने के बाद मेरे व्यापारिक व मानसिक कष्टों का निवारण हो गया, अब मैं एक शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा हूं मैं आदरणीय अग्रवालजी का तहेदील से आभारी हॅंू कि वे मेरी सभी समस्याओं से निवारण किया।मेैं यह पत्र अगुंठी पहनने के तीन माह बाद लिख रहा हॅूं, मैं अग्रवालजी के निराकरण से संतुष्ट हॅंूधन्यवाद!
दिनांक १०.९.०९
विजय 0विश्वकर्मा
बौद्धबिहार रोड शंकरनगर,दुर्ग
छ.ग.
मो. ९३२९७६५२२२
रेसी. ०७८८२३१५१४
Monday, September 28, 2009
पारिवारिक सुख और शांति मिलती है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment